garmiyon mein jarur karen pashu pakshiyon ke lie paanee peene kee vyavastha : kosare maharaj

नमस्कार दोस्तों, गर्मियों में जरुर करें पशु पक्षियों के लिए पानी पीने की व्यवस्था : कोसारे महाराज गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। अधिक जानकारी के फोन संपर्क : 9421778588

garmiyon mein jarur karen pashu pakshiyon ke lie paanee peene kee vyavastha : kosare maharaj

 गर्मियों में जरुर करें पशु पक्षियों के लिए पानी पीने की व्यवस्था 

: कोसारे महाराज

अभी गर्मी का मौसम चालू हैं गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, या पानी की बोतल खरीद कर ले सकता हैं या घर से ही अपनी पानी की व्यवस्था खुद करके अपने पास रख सकता हैं


मूक पशु पक्षियों को प्यास में क्यों तड़पना पड़ता है :

गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। गर्मी में पानी और भोजन की रहती है कमी

गर्मी के मौसम में पक्षियों के लिए भोजन की कमी रहती है। जिससे पक्षियों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है और भोजन खोजने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस भीषण गर्मी में कई ग्रामीण क्षेत्र में हैंडपंप बंद होने के कारण पालतू जानवरो के लिए भी पीने के पानी की दिक्कत हुई। भीषण गर्मी में पषु,पक्षि व मवेशियों को बचाने के लिए पानी की व्यवस्था घरो के बाहर करें तो उन्हें राहत मिलेगी।




पशु पक्षियों को पानी की आवश्यकता क्यों पड़ती है :

पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। गर्मी में पक्षियों के लिए भोजन की भी कमी रहती है। पक्षियों के भोजन कीड़े-मकोड़े गर्मियों में नमी वाले स्थानों में ही मिल पाते हैं। खुले मैदान में कीड़ों की संख्या कम हो जाती है, जिससे पक्षियों को भोजन खोजने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है।



बेजुबानों को राहत देने के लिए हम क्या सहायता कर सकते हैं :



घरों के बाहर पानी के बर्तन भरकर टांगे या किसी बड़े पात्र जिसमें 10 से 15 लीटर पानी समा सके। उसमें पानी भरकर घर के बाहर छाया में रखें, जिससे पशु, पक्षी व मवेशी भी पानी पी सके।
पक्षियों के लिए चना, चावल, ज्वार, गेंहू आदि जो भी घर में उपलब्ध हो उसे चारे की व्यवस्था में करें।
कम पानी वाले जल स्रोत को गंदा नहीं करना चाहिए, इससे पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो।


स्थानीय नागरीकों ने पशु, पक्षियां के लिए क्या प्रयास करने चाहिए :


स्थानीय नागरीकों के प्रयास से पशु, पक्षियां व मवेशियों को पीने के लिए पानी की सुविधा अपने दुकानों व घरों के बाहर रखना चाहिए। गौरतलब है कि इस तरह के भीषण गर्मी में कई ग्रामीण क्षेत्रों में परिंदो और पशुओं की मौत पानी नहीं मिलने के कारण हो जाती है। यहां पर लोगों का थोड़ा सा प्रयास घरों के आस पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकते है। सुबह आंख खुलने के साथ ही घरों के आसपास गौरेया, मैना व अन्य पक्षियों की चहक सभी को मन को भाती है। घरों के बाहर फुदकती गौरेया बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मी के मौसम में इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका ध्यान रखें। जिले में इस साल अप्रैल महीने से ही गर्मी की थर्ड डिग्री टार्चर शुरू हुयी है। इस भीषण गर्मी में जीव जंतु का भी बेहाल है। पशु, पक्षियों पूरी तरह प्रकृति में संरक्षित जल पर ही निर्भर रहते है। अगर इन स्रोतों में पानी के सूखने पर इन्हें यहां वहां भटकना पड़ता है। पानी नही मिलने की स्थिति में पक्षी उड़ते उड़ते बेहोश होकर गिर भी जाते हैं। शहर के लोग मवेशियों के लिए रख रहे पानी की टंकी लोगों ने घरों और दुकानों के सामने पानी की टंकी रखकर कर रहे इंतजाम।


क्या करें उपाय :


घरों के बाहर पानी के बर्तन भरकर टांगें, या बड़ा बर्तन अथवा कोटना पानी भरकर रखें, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते हैं।
छत में भी पानी की व्यवस्था करें, छायादार जगह बनाकर वहां पानी के बर्तन भर कर रखें।
पक्षियों के लिए चना, चावल, ज्वार, गेंहूं आदि जो भी घर में उपलब्ध हो उस चारे की व्यवस्था छतों में करें।
कम पानी वाले जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो सकती है।








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