परम पूज्य पिताजी स्व. श्री श्रीराम घासीराम कोसारे की चतुर्थ पुण्यतिथि पर शत शत नमन 10.03.1940 – 18.01.2020

परम पूज्य पिताजी स्व. श्री श्रीराम घासीराम कोसारे ( 10.03.1940 – 18.01.2020 ) की चतुर्थ पुण्यतिथि पर शत शत नमन दिलीप कोसारे महाराज संस्थापक, राष्ट्रीय अध्यक्ष मानव हित कल्याण सेवा संस्था ( महाराष्ट्र प्रदेश ) भारतीय जनविकास आघाडी ( मुख्य संयोजक ) परम पूज्य पिताजी की चतुर्थ पुण्यतिथि पर शत शत नमन १८. ०१ .२०२४ को उनके याद में कोसारे महाराज का श्रद्धांजलि पर संदेश

 

परम पूज्य पिताजी स्व. श्री श्रीराम घासीराम कोसारे की चतुर्थ पुण्यतिथि पर शत शत नमन  10.03.1940 – 18.01.2020

परम पूज्य पिताजी स्व. श्री श्रीराम घासीराम कोसारे की चतुर्थ पुण्यतिथि पर शत शत नमन


दिलीप कोसारे महाराज संस्थापक, राष्ट्रीय अध्यक्ष मानव हित कल्याण सेवा संस्था ( महाराष्ट्र प्रदेश ) भारतीय जनविकास आघाडी ( मुख्य संयोजक ) परम पूज्य पिताजी की चतुर्थ पुण्यतिथि पर शत शत नमन १८. ०१ .२०२४ को उनके याद में कोसारे महाराज का श्रद्धांजलि पर संदेश


बेमतलब सी इस दुनिया में वो ही हमारी शान है, किसी शख्स के वजूद की ‘पिता’ ही पहली पहचान है। जेब खाली होने पर भी, जिन्होंने पूरी की मेरी हर फरमाइश, वह हैं मेरे पापाजी। पिता बरगद का वह पेड़ है, जो सिर्फ देना जानता है। जिंदगी के लिए जो खुशी का रास्ता बनाता है, वह पिता ही होता है। जिसने हर दुआ में मेरी कामयाबी मांगी, वह है मेरे पिताजी। अनुशासन का दूसरा नाम है पापाजी। जिनके आदर्शों ने दिखाई मुझे हरदम सही राह, वह हैं मेरे पापा। मेरी शोहरत, मेरे पिताजी की बदौलत है।
I miss u papa




पिताजी की जिम्मेदारियां :


कमर झुक जाती है बुढापे में उसकी सारी जवानी जिम्मेवारियों का बोझ ढोकर, खुशियों की ईमारत खड़ी कर देता है ‘पिता’ अपने लिए बुने हुए सपनों को खो कर। परिवार के चेहरे पे ये जो मुस्कान हंसती है, ‘पिता’ ही है जिसमें सबकी जान बस्ती है। ईश्वर आपकी पवित्र आत्मा को शांति दे, ओम शांति !




पिता की वो अहमियत है :


हर किसी के जीवन में पिता वो अहमियत रखते हैं जो कोई और नही रखता हैं, यह हमारे जीवन को सफल बनाने के लिए तथा हमारी जरुरतो को पूरा करने के लिए अपनी इच्छाओ का त्याग कर हमारे लिए मेहनत करते हैं। एक पिता अपने बच्चो और परिवार के लिए दिन रात एक करता है। और एक समय ऐसा आता है जब यह पिता घर वालो का साथ छोड़ कर बड़ी दूर चला जाता है, और इस समय पूरा परिवार अत्यंत दुखी होता है पर क्या करें मृत्यु एक अटल सत्य है जो इस संसार में आया है उसे एक ना दिन जाना जरुर है।




माता-पिता का क्या कर्तव्य है :


माता-पिता बहुत लाड़-प्यार से अपनी संतान का पालन-पोषण करते हैं। उनका पूरा प्रयत्न रहता है कि उनकी संतान को किसी प्रकार के अभाव का सामना नहीं करना पड़े। वे स्वयं कष्ट सह लेते हैं, पर संतान को सुखी रखते हैं। ऐसी स्थिति में बड़े होने पर बच्चो का भी अपने माता-पिता के प्रति विशेष कर्त्तव्य हो जाता है।




माता-पिता से अलग होने के बाद बच्चे में क्या बदलाव देखते हैं :


अपने माता-पिता से अलग होने के बाद बच्चे के व्यवहार में आप क्या बदलाव देखते हैं?
खोया हुआ बच्चा उन चीज़ों में रुचि खो देता है जो वह पहले चाहता था क्योंकि वह अपने माता-पिता से अलग होने से घबरा जाता था। वह तो बस उनके साथ एकजुट होना चाहता था। मेले में वे सभी चीजें जो उसे आकर्षित करती थीं, अब उसे आकर्षित नहीं करतीं और अब केवल एक चीज जो मायने रखती है वह है अपने माता-पिता को ढूंढना।




पिता एक बच्चे के जीवन में क्या भूमिका :


जो भूमिका पिता एक बच्चे के जीवन में निभाता है वो भूमिका कोई और नहीं निभा सकता। यह भूमिका एक बच्चे पर एक बड़ा प्रभाव डालती है और उसे वो एक कामयाब इंसान बनाने में मदद करती है। एक पिता, माता की तरह ही, एक बच्चे के भावनात्मक विकास के स्तंभ होते हैं। पिता बच्चे के जीवन में इतना कुछ करता है तो कुछ हमारा भी फ़र्ज़ है किस पिता के लिए अपना प्यार व्यक्त करें।




पिता को अपने बच्चे के प्रति क्या ख्वाहिश :


अपने पिता को करता हूं शत-शत प्रणाम, जिन्होंने अपनी सारे इच्छाओं की बली देकर, मेरी ख्वाहिशों को दी उड़ान भरने की शक्ति। आज उनके एकाकी जीवन में अपनी दोस्ती का रंग भरकर,|करता हूं उनके होंठों पर मुस्कान लाने की कोशिश।




पिता का रहता है साथ, जिंदगी में कोई कमी नहीं :


जब तक पिता का रहता है साथ, जिंदगी में नहीं पकड़ना पड़ता किसी का हाथ। पिता वह आसमां है, जिनका साया दुख में भी छाया देता है, और सुख में भी पिता भगवान का वह आशीर्वाद है, जो जिंदगी में असफल होने पर भी मिलता है, और सफल होने पर भी। जो हिम्मत हारने पर देते हैं साहस, असफल होने पर बताते हैं सफलता का रास्ता, दुख के हर पल को भी बना देते हैं खुशनुमा, वह और कोई नहीं, मेरे पापा ही तो हैं।




पापा ने न दिया होता साथ :


कब का दुनिया मुझे कर देती बर्बाद, अगर पापा ने न दिया होता साथ उस दिन समझ पाया सख्त दिखने वाले पापा का प्यार, जिस दिन उन्होंने पूरी दुनिया के खिलाफ जाकर दिया मेरा साथ। पापा के सबक को जब-जब मैंने नहीं सुना, तब-तब मुसीबतों का पहाड़ मुझ पर टूटा, जब सबने साथ देने से कर दिया इनकार, तब पिता के कांपते हाथों ने ही दिया था सहारा।



दिलीप कोसारे महाराज

संस्थापक, राष्ट्रीय अध्यक्ष

मानव हित कल्याण सेवा संस्था ( महाराष्ट्र प्रदेश )

भारतीय जनविकास आघाडी ( मुख्य संयोजक )


कार्यालय का पता 👇

नेहा अपार्टमेंट फ्लैट नंबर २०२, दूसरा मजला, उमरेड रोड, रामकृष्ण नगर, नागपुर-४४००३४.

कोसारे महाराज 👉 संस्थापक ( राष्ट्रीय अध्य्क्ष )

मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर ( महाराष्ट्र प्रदेश )

भारतीय जनविकास आघाडी ( राजकीय तिसरी आघाडी मुख्य संयोजक )


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