Dan karne se dhan ghatata nahi hai balki aur badhta hai // Kosare Maharaj

मुक्तिधाम तक शव ले जाने के लिए कोसारे महाराज ( संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष ) मानव हित कल्याण सेवा संस्था में नया शव वाहन और मृत शरीर फ्रीजर भी नया लेना है जिसे मानव हित कल्याण सेवा संस्था शव वाहन का नाम दिया जायेगा है। एक कॉल पर 15 मिनट में शव वाहन दु:खी परिवार के घर पहुंचेगा और शव के साथ 8 परिजन भी बैठकर वाहन से मुक्तिधाम तक जा सकेंगे। दरअसल कोसारे महाराज इस प्रयास में लंबे अर्से हैं कि वह कोई शव वाहन मानव हित कल्याण सेवा संस्था के माध्यम से संचालित करे। लेकिन संस्था का यह प्रयास अब तक पूरा नहीं हुआ है। जिसमें 18 से 20 लाख रुपए की लागत से शव वाहन को क्रय किया करना है। जिसमें एक स्ट्रेचर होगा जिसे बीच में रखने के लिए स्टेंड, और शव वाहन की आधी बॉडी फाइबर ग्लास की होगी और दोनों तरफ इसमें बैठने के लिए सीटें होगी । इसमें 8 लोग आसानी से बैठकर मुक्तिधाम तक जा सकेंगे। और वहां शव की अंतिम क्रिया को कर सकेंगे। २१ वर्षो से मानव हित कल्याण सेवा संस्था का कार्य प्रणाली लोकहित, सार्वजनिक हित के लिए काम कर रही हैं आगे बहुत सारे प्रयोजन हैं । Welcome to Kosare Maharaj Website : https://www.kosaremaharaj.com

Dan karne se dhan ghatata nahi hai balki aur badhta hai


Dan karne se dhan ghatata nahi hai balki aur badhta hai


मुक्तिधाम तक शव ले जाने के लिए कोसारे महाराज ( संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष ) मानव हित कल्याण सेवा संस्था में नया शव वाहन और मृत शरीर फ्रीजर भी नया लेना है जिसे मानव हित कल्याण सेवा संस्था शव वाहन का नाम दिया जायेगा है। एक कॉल पर 15 मिनट में शव वाहन दु:खी परिवार के घर पहुंचेगा और शव के साथ 8 परिजन भी बैठकर वाहन से मुक्तिधाम तक जा सकेंगे।



दरअसल कोसारे महाराज इस प्रयास में लंबे अर्से हैं कि वह कोई शव वाहन मानव हित कल्याण सेवा संस्था के माध्यम से संचालित करे। लेकिन संस्था का यह प्रयास अब तक पूरा नहीं हुआ है। जिसमें 18 से 20 लाख रुपए की लागत से शव वाहन को क्रय किया करना है। जिसमें एक स्ट्रेचर होगा जिसे बीच में रखने के लिए स्टेंड, और शव वाहन की आधी बॉडी फाइबर ग्लास की होगी और दोनों तरफ इसमें बैठने के लिए सीटें होगी । इसमें 8 लोग आसानी से बैठकर मुक्तिधाम तक जा सकेंगे। और वहां शव की अंतिम क्रिया को कर सकेंगे।


२१ वर्षो से मानव हित कल्याण सेवा संस्था का कार्य प्रणाली लोकहित, सार्वजनिक हित के लिए काम कर रही हैं आगे बहुत सारे प्रयोजन हैं ।


Dan karne se dhan ghatata nahi hai balki aur badhta hai




दान किसको और कब देना चाहिए :




व्यक्ति को दान करते रहना चाहिए. क्योंकि मरणोपरांत सारी चीजें यहीं छूट जाती है, लेकिन पुण्य कर्म ही व्यक्ति के साथ जाते हैं. इसलिए अपने सामर्थ्यनुसार दान करते रहें. शास्त्रों के अनुसार, हर व्यक्ति को अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान करना चाहिए.



अगर कोई दानदाता इस कार्य को दान देना चाहता हैं वह दान अवश्य दे दानदाता व करदाताओं को इनकम टैक्स से ५०% की छूट की प्राप्ति होंगी हमारी संस्था धारा 80 जी के तहत पंजीकृत हैं।



संस्था लेगी निर्णय,गाडी नि:शुल्क भेजनी है या सशुल्क



शव वाहन जिनको चाहिए वह एक कॉल निर्धारित नंबर पर करेंगे और 15-30 मिनट की अवधि में शहर के हर कोने में यह वाहन पहुंच जाएगा। इसके लिए क्या राशि तय करनी है और क्या व्यवस्था रखनी है। इसका निर्णय संस्था की सहमति से तय होगा ।




दान में कैसे दान करे :




किसी चैरिटी की अपनी वेबसाइट या अच्छी तरह से स्थापित धन उगाहने वाले प्लेटफार्मों के माध्यम से दान करें । यदि आप किसी को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते हैं तो उसके धन उगाहने वाले अभियान का समर्थन करने में विशेष रूप से सावधान रहें ताकि आप दान करने से पहले आश्वस्त हो सकें कि आपका पैसा कहाँ जाएगा।



लंबे अर्से से कोसारे महाराज इस शव वाहन को खरीदने के प्रयास में लगे हैं , अब फिर से लोगों को जागृत कर रहे हैं।



लंबे अर्से से मेरी कोशिश हैं की मुक्तिधाम तक शव ले जाने के लिए शव वाहन संस्था उपलब्ध कराए। जो अब पूरी होने की संभावना दिखाई दे रही है। एक अच्छे ड्राइवर को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी



शव वाहन, अंतिम संस्कार के लिए जो लोग इस दुनिया से विदा हो रहे हैं , उनके शवों को मुक्तिधाम तक ले जाने में किसी भी परिजनों को परेशानी का सामना न करना पड़ा। जिसका उपयोग किसी मृत व्यक्ति के शरीर को अंतिम संस्कार, के लिए केवल मोक्षधाम तक ले जाने के लिए ही होती हैं एक अंतिम सेवा के रूप में यही अंतिम समाज सेवा का अवसर प्राप्त होता है ।



लोगों पर विश्वास कैसे करें :




विश्वास करना और विश्वास ना करना दो भिन्न स्थितियां हैं। और! विश्वास ना कर के कुछ भी चलने वाला नहीं। इस ही क्रम में विश्वास करना भी आता है जिसका आज भी महत्व बना हुआ है। इंसान की कथनी से अधिक उसकी करनी बोलती है। बस समझ जाए की यदि किसी इंसान के बोल और उसकी करनी मेल खाती है तो उस इंसान पर भरोसा किया जा सकता है।





विश्वास कैसे मजबूत करें :




जीवन में उतार-चढ़ाव तो लगे ही रहते हैं। कई बार हमें असीम खुशी मिलती है और कई बार गहरी काली रात के समान दुख। जब दुख आता है तो नकारात्मक सोच हावी हो जाती है। तब हम न अपने आप पर और न दूसरे लोगों पर और न ही ब्रह्मांड की शक्ति पर विश्वास रखते हैं। डर, चिंता, क्रोध और निराशा हमें घेर लेते हैं। ऐसे में हमारे पास दो ही रास्ते बचते हैं।




पहला, हम मन की बात मानकर निराशा के समुंदर में डूबे रहें और दूसरा, मन के ख्यालों को तटस्थता से देखें। दुख से लड़ना है तो दूसरा रास्ता ही अपनाना होगा। दुख का सबसे बड़ा कारण मन की अनगिनत इच्छाएं और भ्रम हैं। मन सिर्फ खुशियां चाहता है। ऐसा जीवन चाहता है, जहां दुख न हो। छोटे बच्चे के समान ख्वाहिश करता है कि पूरी दुनिया उसी की मर्जी के अनुसार चलें। जब ऐसा नहीं होता है तो मन विश्वास खोकर अवसाद में चला जाता है। हमें यह समझना चाहिए कि सुख और दुख जीवन का एक हिस्सा है, इनसे कोई भी नहीं बच पाया है। बड़े से बड़े संत, महात्मा, पैगम्बरों तथा अवतारों को भी दुख का सामना करना पड़ा है तो हम जैसे साधारण इनसान इससे कैसे बच सकते हैं? लोग मुझसे पूछते हैं कि हम विश्वास को मजबूत कैसे करें? जितना ज्यादा विश्वास होगा उतनी ही शक्ति हमारे पास होगी। संकट का सामना कर सकेंगे। विश्वास तीन तरह से बढ़ा सकते हैं।




सबसे पहले विश्वास रखें कि हमने जीवन में कई विपरीत परिस्थितियों का सामना किया है और इसलिए हम आने वाले हर दुख से उबर सकते हैं। दूसरा, हमें ऐसे सारे मौके याद रखने चाहिए जब हम बिल्कुल लाचार महसूस कर रहे थे और हमें कहीं से मदद मिल गई। इन्हें ध्यान में रखकर यह विश्वास बनाना चाहिए कि ईश्वर हमेशा हमारे साथ है और वह सहायता अवश्य करेगा। अगर यह विश्वास पक्का हो जाए तो मदद जरूर मिलेगी। तीसरा सदा ईश्वर को याद रखकर खुद का आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। यह प्रार्थना करनी चाहिए कि जो हमारे लिए सबसे कल्याणकारी हो ईश्वर वही करें और यह विश्वास रखना चाहिए कि ईश्वर की मर्जी में ही हमारा हित है।



क्या दान करने से धन बढ़ता है :




दान करने से धन घटता नहीं हैं बल्कि और बढ़ता है जिस तरह धान का एक बीज धरती में गिरता है तो भगवान उस एक दाना के बदले आपको कई गुना फल देता है। उसी तरह किए गए दान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फलीभूत होते हैं।




ऑनलाइन दानदाता दान कैसे करे :




कोई इच्छुक दानदाता अपना सहयोग राशि दान देना चाहता है तो क्यूआर कोड स्कैनर स्कैन करके खुले दिल से आप दान कर सकते हैं या बैंक अकाउंट में ऑनलाइन एनईएफटी द्वारा आप खुले दिल से भी दान कर सकते हैं सभी दानदाता को धारा ८० जी के तहत करदाताओं को इनकम टैक्स से ५०% की छूट की प्राप्ति होंगी हमारी संस्था धारा 80 जी के तहत पंजीकृत हैं।




नीचे दिए गए निम्नलिखित अनुसार आप ऑनलाइन दान कर सकते हैं 👇

बैंक अकाउंट में ऑनलाइन एनईएफटी द्वारा आप खुले दिल से भी दान कर सकते हैं

You can also donate generously through online NEFT in your bank account.


Bank Name 👉 Nagpur Nagarik Saharkari Bank.


Bank Account Name 👉Manav Hit Kalyan Seva Sanstha                                                         

Bank Account No. 👉 013010100003399


IFSC Code 👉 NGSB0000013


MICR Code 👉 440183013




क्यूआर कोड स्कैनर स्कैन करके खुले दिल से आप दान कर सकते 👇


You can donate openly by scanning the QR code scanner.





Dan karne se dhan ghatata nahi hai balki aur badhta hai






कार्यालय का पता 👇


कोसारे महाराज 👉 संस्थापक ( राष्ट्रीय अध्य्क्ष )


मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर


नेहा अपार्टमेंट फ्लैट नंबर २०२, दूसरा मजला, उमरेड रोड, रामकृष्ण नगर, नागपुर-४४००३४.


राज्य : महाराष्ट्र


राष्ट्रीयता : भारत


अधिक जानकारी के लिए फोन संपर्क 📲 ९४२१७७८५८८ / ९४२२१२७२२१

ईमेल 👉 kosaremaharaj@gmail.com

वेबसाइट 👉 https://www.kosaremaharaj.com 




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