Kosare Maharaj joins WhatsApp Channels

नमस्कार दोस्तों, व्हाट्सएप चैनल क्या है कोसारे महाराज के व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के हमें फायदे क्या हैं यह वक्त बताता है आज के जमाने में कौन किसके काम आता हैं कौन नहीं हम किसी के व्हाट्सएप चैनल से फालतू क्यों जुड़े हमें क्या करना हैं हमें तो कोई किसी से लेना देना हैं ही नहीं बस हम हैं और हमारा परिवार हैं सिर्फ हम इसी में खुश रहना चाहते हैं लेकिन वैसा नहीं हैं। ताकि एक दूसरे के काम में लोग आगे आये और लोगो की सुचारु रूप से मदद कर सखे गरीबों की व समस्त मानव जाती की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। हमारा व्हाट्सएप नंबर : 9421778588 web : www.kosaremaharaj.com

 


फोटो पर क्लिक करें और "कोसारे महाराज" खोजें। 👆
और फॉलो करके कोसारे महाराज के व्हाट्सप्प चैनल से जुड़े
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Kosare Maharaj joins WhatsApp Channels




व्हाट्सएप चैनल🠞  हर दिशा में संदेश भेजने और अपडेट रहने का एक नया तरीका है। चैनल संगठनों, गैर-लाभकारी संस्थाओं और समुदायों को एकतरफा प्रसारण की अनुमति देते हैं, जहां व्हाट्सएप चैनल व्यवस्थापक शामिल प्रतिभागियों के साथ टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो, चित्र और किसी के सुख -दुखों में शामिल होकर साझा कर सकते हैं।


अपने एंड्रॉइड या आईओएस फोन पर व्हाट्सएप खोलें और अपडेट टैब पर जाएं।

Open WhatsApp on your Android or iOS phone and go to the Updates tab.

फाइंड चैनल विकल्प पर क्लिक करें और "कोसारे महाराज" खोजें।

Click on Find Channel option and search “Kosare Maharaj”.

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व्हाट्सएप चैनल क्या है :




व्हाट्सएप चैनल एक तरफ़ा प्रसारण उपकरण है जो व्यवस्थापकों को अपने अनुयायियों के साथ टेक्स्ट से लेकर मल्टीमीडिया और पोल तक विभिन्न प्रकार की सामग्री साझा करने की अनुमति देता है।


अब हम व्हाट्सएप पर हैं। शामिल होने के लिए क्लिक करें.
उपयोगकर्ता अब ऐप के भीतर ही अपनी पसंद के व्यक्तियों और संगठनों के साथ सूचित और जुड़े रह सकते हैं। व्हाट्सएप चैनल को "अपडेट" नामक एक समर्पित टैब के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है, जो परिवार, दोस्तों और समुदायों के साथ आपकी नियमित चैट से अलग है।


कोसारे महाराज के व्हाट्सएप चैनल से कैसे जुड़ें?
इससे पहले कि आप इस रोमांचक सुविधा का उपयोग कर सकें, अपना व्हाट्सएप अपडेट करना सुनिश्चित करें:


व्हाट्सएप लॉन्च करें और अपडेट टैब पर जाएं।
आपकी स्क्रीन के नीचे, आपको "चैनल ढूंढें" विकल्प मिलेगा। बस उस पर टैप करें.
कोसारे महाराज सहित उपलब्ध चैनलों की एक सूची दिखाई देगी। शामिल होने के लिए, उसके चैनल के नाम के आगे प्लस आइकन पर टैप करें। वैकल्पिक रूप से, आप चैनल को मैन्युअल रूप से खोजने के लिए अपनी स्क्रीन के ऊपरी-दाएँ कोने में खोज आइकन का उपयोग कर सकते हैं या बस यहां क्लिक कर सकते हैं।






व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के फायदे क्या हैं :






व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के हमें फायदे क्या हैं हरेक के मन में यही बहुत बड़ा गंभीर विषय मन में बसा हुआ हैं जुड़े तो क्यों जुड़े यही विचार आता होगा की हम किसी के व्हाट्सएप चैनल से फालतू क्यों जुड़े हमें क्या करना हैं हमें तो कोई किसी से लेना देना हैं ही नहीं बस हम हैं और हमारा परिवार हैं सिर्फ हम इसी में खुश रहना चाहते हैं लेकिन वैसा नहीं हैं। हमने समाजसेवा के कार्यों को करने के लिए इतने सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों को अधिक से अधिक कनेक्टेड करने के लिए ही तो बनाये हैं ।ताकि एक दूसरे के काम में लोग आगे आये और लोगो की सुचारु रूप से मदद कर सखे




इंसानियत का दायित्व क्या हैं :




आज के ज़माने में कोई किसी का घर नहीं चलाते हैं लेकिन कुछ ऐसी भी संस्था हैं समाज के लिए आज भी कई वर्षो से इंसानियत का दायित्व निभा रहे हैं। वह भी निशुलक दिनरात लोगों के बीच रहकर समाजसेवा करने में जुटे हैं। हम भी ३० साल से समाजसेवा के कार्यों में जुटे हुये है।

कोसारे महाराज ने बताया हैं कि अब तक के वे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में हजारो से ज्यादा निशुल्क अनेक प्रकार के कैंप लगाकर समाज में इंसान को इंसानियत का पाठ पढ़ाकर उनका ज्ञान अज्ञान का उपचार कर चुके हैं। हमारी एकमेव संपूर्ण भारत में एक ऐसी संस्था हैं उसका नाम मानव हित कल्याण सेवा संस्था हैं इस संस्था से लोग जुड़कर भी समाज सेवा के कार्य में जुटे रहते हैं। यह कार्य सालों से नियमित रूप से चल रहा है।




सबसे बड़ा धर्म क्या है :




सेवाभाव की यह प्रेरणा मेरे गुरुजी ठाकरसिंह महाराज से मुझे मिली थी । उन्होंने मुझे यही सीखाया हैं कि आप सिर्फ किसी के सुख का साथी न बनें, बल्कि दूसरों के दुखों में शामिल होकर उनका साथ दें। इसमें असीम शांति का एहसास होता है। अपने जीवन काल में सभी को ऐसा करने का अवसर मिलता है, लेकिन आज की दुनिया में लोगों में स्वार्थ की प्रवृत्ति बहुत बढ़ गई है। हम भी कई वर्षो से अपने गुरूजी की दिखाई इंसानियत की राह पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। गुरूजी का मानना था कि गरीबों की व समस्त मानव जाती की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।


पुराने जमाने के लोगों और आज के लोगों में क्या अंतर हैं :



मनुष्य ने हजारों सालों की विकास यात्रा की है। इस विकास यात्रा के दौरान पहले और आज के समय में बहुत परिवर्तन आ गया है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पुराने जमाने के लोग और आज के लोगों में क्या अंतर है।


समय की कमी, व्यस्त जीवनशैली :



पुराने और आज के जमाने में जो सबसे बड़ा अंतर- समय का है। पुराने जमाने के लोगों के पास काफी समय होता था। वो अन्य लोगो से मिलते, बात करते थे, पर आज के समय तो सभी लोग व्यस्त रहते हैं। सभी लोग कहते हैं कि अभी बिजी हैं। वे मुश्किल से अपने रिश्तेदारों, मित्रों और दूसरे लोगों से बात करने का मौका निकाल पाते हैं। आजकल की लाइफ वास्तव में बहुत बिजी हो गई है। सब लोग अपने कामों में लगे रहते हैं। किसी के पास दूसरे से बात करने का वक्त ही नहीं है।

भौतिक वस्तुओं के पीछे भागते लोग :




आज मनुष्य प्रकृति (कुदरत) से दूर चला गया है। वह बहुत ही चीजों के पीछे अंधी दौड़ में लगा हुआ है। आजकल के लोग सिर्फ पैसे, धन दौलत, गाड़ी, कार, बंगले की बात करते पाए जाते हैं। हर व्यक्ति को टीवी, कूलर, एसी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, डिश वॉशर जैसी सुविधाएं चाहिए। इस तरह कहा जा सकता है कि आज का मनुष्य बिना साधनों के नहीं जी सकता है। वह दो कदम भी पैदल नहीं चलना चाहता है। उसे कार या मोटरबाइक चाहिए होती है।


खानपान में बदलाव हुआ है :



हमारे पिताजी, दादाजी के जमाने में लोग सेहतमंद खाना खाते थे। हरी सब्जियां, फल, मेवे, दूध, घी जैसे पौष्टिक भोजन का सेवन करते थे। पर आज की पीढ़ी तो स्वाद के फेर में पड़ गई है। आज नूडल्स, पिज्जा, मैगी, बर्गर जैसे हजारों फास्ट फूड आइटम्स आपको बिकते हुए दिख जाएंगे। आज की पीढ़ी खाने में सेहत को नहीं स्वाद को प्राथमिकता देती है। जबकि पहले का समय ऐसा नहीं था।


तकनीक का खूब विकास हुआ है :



नए पुराने और नए जमाने में तकनीक (Technique) ने खूब विकास किया है। जहां पहले बिजली का बड़ा आभाव रहता था। रोज कई घंटे बिजली जाती थी, वहीं आजकल देश के जादातर हिस्सों में 24 घंटे बिजली आती है। घर घर में इनवर्टर लगा हुआ है। हर क्षेत्र में तकनीक का विकास हुआ है।




भारत के हर व्यक्ति के हाथ में आज मोबाइल फोन देखने को मिलता है। लोग अपने पर्स में नगदी लेकर नहीं चलते। एटीएम कार्ड, डेबिट- क्रेडिट लेकर चलते हैं जिससे किसी भी खरीद का भुगतान कर सकते हैं। इसके साथ ही डिजिटल लेनदेन (Digital Transaction) प्रचलित हो गया है। आज देश के घर घर में कंप्यूटर टेलीविजन, फ्रिज जैसे उपकरण पाए जाते हैं जिससे हमारा जीवन आसान हुआ है। अब पहले की तरह चिट्टियां लिखने का जमाना खत्म हो गया है।


पुराने समय में एक चिट्ठी भेजने में ही 5 से 10 दिन लग जाते थे पर आजकल तो सभी लोग वीडियो कॉलिंग करने लगे हैं। जीमेल, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम (सोशल मीडिया) जैसी इंटरनेट सुविधाओं का लाभ उठाकर आज किसी भी व्यक्ति से कुछ सेकंड में संपर्क किया जा सकता है। तकनीक ने हमारा जीवन आसान बना दिया है


संयुक्त से एकल होते परिवार :


पुराने समय में जहां दादा दादी, भाई बहन, चाचा ताऊ, भैया भाभी सभी एक ही परिवार में रहा करते थे वहीं आज एकल परिवार का चलन बढ़ गया है। आजकल इस तरह की परिस्थितियां बन गई है कि जादातर संयुक्त परिवार टूट चुके हैं और एकल परिवार बन गये है जिसमें पति पत्नी और उनके दो बच्चे होते हैं। इसके बहुत से कारण भी हैं।


आजकल लोग बेहतर जिंदगी पाने के लिए अपने गांव को छोड़कर शहर, महानगर में आ जाते हैं जिस कारण परिवार तेजी से एकाकी हो रहे हैं। संयुक्त परिवार में कई प्रकार के फायदे होते थे। कोई मुसीबत या समस्या आने पर उसका हल तुरंत ही निकल जाता था। पर एकांकी परिवार की वजह से आजकल के बच्चे अपने दादा दादी नाना नानी पहचान नहीं पाते हैं।


धार्मिक परंपरा बनी हुई है :


पुराने और नए जमाने में जो चीज नहीं बदली है वह है धार्मिक मान्यताएं। पुराने जमाने के लोकगीत बहुत धार्मिक हुआ करते थे और आज के लोग भी बहुत धार्मिक होते हैं। सुबह उठकर मंदिर जाना, पूजा प्रार्थना करना, व्रत रखना, शाम को पूजा पाठ आज भी लोग करते हैं। ईश्वर में आज भी उनकी आस्था बनी हुई है।


महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है :



पुराने जमाने में जहां महिलाओं पर अनेक प्रकार के अत्याचार होते थे, कई प्रकार की पाबंदियां थी। उन्हें घर से अकेले नहीं निकलने दिया जाता था। पूरे कपड़े पहनने पर जोर दिया जाता था। बाहर नौकरी करने पर रोक थी। यह सारी चीजें बहुत हद तक खत्म हो गई है। आज की स्त्रियां खुले वातावरण में सांस ले रही हैं। वह आजादी से अपनी जिंदगी जी रही है। वे शिक्षा, विज्ञान, बिजनेस, फिल्म, खेल जैसे सभी क्षेत्रों में उन्नति कर रही हैं। आजकल की स्त्रियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज का निर्माण कर रही है। इस तरह यह कहा जा सकता है कि वर्तमान में महिलाओं की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है


अंधविश्वास में कमी आयी है :



प्राचीन काल में जहां मनुष्य विभिन्न प्रकार के अंधविश्वासों में विश्वास करता था। जैसे- काली बिल्ली के रास्ता काटने पर वहां से ना गुजरना, छींक आ जाने पर घर से बाहर न जाना आदि। इस प्रकार के बहुत से अंधविश्वास पुराने जमाने में लोग मानते थे। पर आजकल यह लगभग खत्म हो गए हैं आजकल लोग विज्ञान को अधिक मानने लगे हैं।


कोसारे महाराज 👉 संस्थापक ( राष्ट्रीय अध्य्क्ष )

मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर -४४००३४.

अधिक जानकारी के लिए फोन संपर्क 📲 ९४२१७७८५८८ / ९४२२१२७२२१

ईमेल 👉 kosaremaharaj@gmail.com

वेबसाइट 👉 https://www.kosaremaharaj.com 




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