मेहनत के फल का महत्व : कोसारे महाराज
आप सभी ने कहावत तो सुना ही होगा – जो जागा सो पाया, जो सोया सो खोया ! अर्थात जो दिन-रात काम किया उसने मेहनत के फल का महत्व और परिणाम दोनों पाया। जो दिन-रात भर सोया, घुमा उसने कुछ नही पाया। हमे हमेशा कोशिश करनी चाहिए, कभी भी अपने जीवन मे हार नही माननी चाहिए।
मेहनत का फल :
मेहनत का फल सदैव मीठा होता है। मेहनत एक ऐसा हथियार है जिसकी सहायता से मनुष्य आलस्य रूपी दुश्मन को मार कर अपनी सफलता का मार्ग आसान बना सकता है। इस संसार में बिना मेहनत के कुछ भी नहीं प्राप्त हो सकता। बैठे-बैठे केवल सपने बुनने से या ख्याली पुलाव पकाने से कार्य की सिद्धि नहीं होती। बल्कि उसके लिए हमें हाथ पैर हिलाने पढ़ते हैं कठोर परिश्रम करना पड़ता है। तब ही हमें उसका फल प्राप्त होता है। संसार में किसी भी क्षेत्र में जितने भी प्रसिद्ध लोग हुए हैं, सब ने अपने मेहनत के बल पर ही वह मुकाम हासिल किया है जिस पर वह आज हैं। मेहनती व्यक्ति यदि मिट्टी को भी हाथ लगाएगा तो वह सोना बन जाएगी और आलसी व्यक्ति सोने को भी हाथ लगाएगा तो वह मिट्टी बन जाएगा। यही मेहनत का महत्व है। जो मेहनत से नही घबराते दुनिया जहान उनकी मुट्ठी में है। जो आलसी और कामचोर होते हैं वो केवल हाथ मलते रह जाते हैं। एक किसान रोज कड़ी धूप में कई महीनों तक जी-तोड़ मेहनत करता है तब ही तो उसके खेतों में फसल हरी-हरी फसल लहराती है। यदि वो मेहनत न करे तो उसका खेत सूखा रह जाये। ये केवल एक उदाहरण है, ये नियम जीवन के हर क्षेत्र में लागू होता है। प्रकृति का एक सिद्धांत है मेहनत करोगे तो ही फल मिलेगा। ये सिद्धांत संसार के सभी प्राणियों पर लागू होता है, चाहे वो मनुष्य हों या जानवर हों।
परिश्रम का महत्व :
अगर आपने ईमानदारी से मेहनत की है तो इसका फल आपको जरूर मिलेगा।आपने अपनी परीक्षाओं के लिए परिश्रम की है और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है। तब आप उच्च अंक प्राप्त करेंगे। बीच-बीच में बाधाएं और असफलताएं आ सकती हैं, लेकिन व्यक्ति को हार नहीं माननी चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए।
मेहनत का फल अवश्य मिलेगा। इतिहास ने दिखाया है कि परिश्रम हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। बिना मेहनत के जीवन में सफलता नहीं मिलती। एक आलसी व्यक्ति, जो हर समय आराम करता हुआ दिखाई देता है, कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। बिना मेहनत के सफलता की ऊंचाई तक पहुंचना नामुमकिन है।
लोग हमेशा शॉर्टकट के बारे में सोचते हैं, लेकिन जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं होता है। सब कुछ परिश्रम और चीजों को लेने के तरीके पर निर्भर करता है। जिसने सच्ची मेहनत की है वह सफलता की ऊंचाई पर जरूर पहुंचता है। वे बाधाओं को पार कर सकते हैं और असफलताओं का सामना कर सकते हैं लेकिन ऊंचाई तक पहुंचेंगे। एक व्यक्ति जो एक दिन अमीर होने के बारे में सोचते हुए दिन भर आराम से बैठकर आराम करता है, वह कभी भी सफल नहीं होगा।
अपने सपनों को हासिल करने के लिए, आपको परिश्रम करने और अपने रास्ते पर दृढ़ और केंद्रित रहने की जरूरत है। एक आदमी स्टील की तरह होता है; यदि आप इसका उपयोग करते हैं, तो यह चमकता है; और यदि तुम उसे पड़ा रहने दो, तो उसमें जंग लग जाती है। यदि आपने वास्तव में परिश्रम किया है, तो निश्चित रूप से इसका फल मिलेगा, और आप निश्चित रूप से अपनी सफलता का आनंद लेंगे। और अगर आप अपने सपनों के साथ जीते हैं, तो आप सपने ही खत्म कर देंगे।
परिश्रम ही सफलता :
परिश्रम के आवश्यक तत्व :
कड़ी मेहनत ही एकमात्र तरीका है जिससे आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। हममें से जो लोग असाधारण रूप से अमीर, स्मार्ट या भाग्यशाली नहीं हैं, उनके लिए परिश्रम ही सुखी जीवन का एकमात्र तरीका है।
१. प्रेरणा
कोई भी व्यक्ति जब कोई परिश्रम करने जाता है तो कुछ समय बाद वह विचलित और हतोत्साहित हो जाता है, इस समय उसके परिश्रम की गाड़ी को प्रेरणा नामक पेट्रोल आगे खींचता है।
प्रेरणा वह है जो कड़ी मेहनत को गति प्रदान करती है। प्रेरणा वह है जो हमें भीषण संघर्ष और कठिन बलिदानों के बावजूद खुद पर विश्वास बनाए रखने में मदद करती है।
२. एक समयबद्ध योजना
जब आप अपने बड़े लक्ष्यों के बारे में सोचते हैं, तो आप जीवन भर उनके बारे में सोचते हैं। लेकिन जब आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो आपको दिन प्रति दिन के लिए एक अलग समयबद्ध योजना चाहिए होती हैं।
३. त्याग
यह कड़ी मेहनत की जड़ है, और एक चीज जो कड़ी मेहनत को वास्तव में कठिन बनाती है।
किसी भी महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण व्यक्तिगत बलिदान की आवश्यकता होती है। अपने रिश्तों, वित्त और आराम के स्तर में कम या खत्म करना ही असली परीक्षा है।
परिश्रम और भाग्य में अंतर :
सफलता हमेशा लंबी अवधि में कड़ी मेहनत का परिणाम है। सफलता धीरे-धीरे होती है, और केवल सही निर्णयों और छोटी जीत की एक श्रृंखला के बाद ही है। इसके विपरीत, भाग्य को आम तौर पर एक बार की घटना या संयोग माना जाता है। bबहुत से भाग्यशाली लोग अपने भाग्य का सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं और उनका जीवन दुखी हो जाता है क्योंकि वे लगातार अपने वास्तविक काम की उपेक्षा करते हैं।
किस्मत और परिश्रम में से किसी एक पर कभी भी विश्वास न करें, अपनी किस्मत पर विश्वास करके काम करने की कोशिश करें और अपनी मेहनत से उसका सामना करें।
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