स्वच्छता का महत्व एवं घर के परिसर की साफ सफाई : Kosare Maharaj

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स्वच्छता का महत्व एवं घर के  परिसर 

की साफ सफाई


                     स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता आवश्यक है. घर वह स्थान होता है, जहाँ हमारा परिवार निवास करता है. परिवार के सभी सदस्यों को प्रसन्न चित व स्वस्थ रखने के लिए हमे अपने आवास और आसपास के स्थान को स्वच्छ रखना चाहिए. स्वच्छता का महत्व और अपने घर की साफ सफाई के लिए हमे निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए.

                आज दिनांक २०/११/२०२२ रविवार सुबह ७:०० बजे से ९:०० बजे तक नेहा अपार्टमेंट रामकृष्णा नगर में स्वच्छता अभियान सभी फ्लैटों के निवासियों ने स्वच्छता अभियान का कार्यक्रम का संकल्प लिया है की पंद्रह पंद्रह दिनों में हम अपने पुरे फ्लैट के परिसर को स्वच्छ पर्यावरण का वातावरण बनाये रखेंगे और स्वच्छता अभियान का कार्यक्रम को सफल बनाने वाले हमें अपने आसपास के परिसर की साफ सफाई एवं स्वच्छता रखनी चाहिए स्वच्छता रहने से बीमारियां दूर होती हैं अगर साफ सफाई करने वाला नौकर आये या ना भी आये हम आज से तहेदिल से पूरा संकल्प ले लिया हैं की हमेशा के लिये हमारा स्वच्छता अभियान का कार्यक्रम जारी रहेंगा

संकल्प लेने वाले :-

कोसारे महाराज, सीताराम राठोड, हेमराज हेड़ाऊ, नीलेश पाटिल, शारदा पाटिल, राजेश पाटिल,दिनेश पाटिल, अन्य महिला पुरुष और बच्चे

स्वच्छता की परिभाषा और महत्व :-

              मानव जीवन के लिए स्वच्छता बहुत आवश्यक हैं. गंदगी तथा कचरे से अनेक प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं. बच्चे, जवान, वृद्ध बीमारियों से दुःख पाते है. जिससे उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं.

            अस्वच्छता से पर्यावरण प्रदूषित होता हैं. गंदगी के कारण अनेक प्रकार की प्रतिकूल दशाएं भी उत्पन्न हो जाती हैं. इन सभी प्रतिकूल दशाओं से बचने के लिए एवं इन बीमारियों को मिटाने तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु मानव के लिए स्वच्छता की आवश्यकता होती हैं.
स्वच्छता का अर्थ क्या है?

स्वच्छता का अर्थ होता है :- अपने वातावरण और स्वयं को हानिकारक तत्व जैसे गंदगी या
 कीटाणुओं आदि से बचाना।

स्वच्छता का आशय शरीर और वातावरण में उत्पन्न हुए मल को उचित समय पर स्वच्छ करना होता है।

स्वच्छता को मूल रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है जिन्हें हम वातावरण शारीरिक और मानसिक स्वच्छता के नाम से जानते हैं।

वातावरण स्वच्छता विश्व के लिए हितकर है इसलिए हमें सर्वप्रथम हमारा घर फिर आस-पड़ोस और फिर कार्यस्थल, निवास्थान, और अपने देश को स्वच्छ रखना चाहिए।

स्वच्छता का महत्व :-


                   हम सब जानते हैं कि हम रोज़ाना स्वास्थ्य के आने वाले जोखिम से पूरी तरह से अवगत हैं, और इसने स्वच्छता को हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। असल में, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू जैसे नई दुनिया के विशाल रोगों को स्वच्छता की कमी के साथ संबद्ध किया गया है। हम आज बेहतर स्वच्छता बनाए रखने की दिशा में काम करते हैं, तो इससे निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी को मदद मिलेगी। 


                स्वच्छता एक आदत है जिसे महत्व दिया जाना चाहिए और कम उम्र से ही बच्चों में इसकी शुरुआत की जानी चाहिए। स्वच्छता सिर्फ हमारे शरीर के बारे में नहीं होना चाहिए; इसे हमारे परिवेश को अच्छा बनाए रखने पर भी ध्यान देना चाहिए। हम देखते हैं कि हम कैसे अच्छी तरीके से स्वच्छता बनाए रख सकते हैं आत्म स्वच्छता के लिए संकल्प लेना


             भारत में कठोर मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, स्वच्छ रहना और अपने प्रियजनों को स्वच्छता के महत्व की शिक्षा देना बेहद जरूरी है। एक भारतीय होने के नाते, हमने हमेशा स्वच्छता के बारे में अपनी कमी देखी है और यह उचित समय है कि हम उस धारणा को बदल दें। हमें समझना है कि कैसे हम अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रख सकते हैं:
अपशिष्ट का निपटान तुरंत करें। अगर अपशिष्ट पदार्थ ठीक से संभाला नहीं गया तो यह निमोनिया, पीलिया, और तपेदिक जैसी घातक बीमारियों का प्रकोप बढ़ा सकता है। 


           इतिहास गवाह है कि महामारी का सबसे बड़ा कारण अनुचित अपशिष्ट निपटान रहा है।
हमेशा अपने घर को साफ रखें। पने शौचालय और किचन को रोगाणुमुक्त रखें। अत्यधिक प्रभावी किचन जैल बाजार में उपलब्ध हैं जो सफाई और कई सतहों को जीवाणु-रहित करने में मदद करते हैं। जो त्वचा परीक्षण किये गए और हाथों पर सुरक्षित हैं, उन्हें चुनें। पास के रिहायशी इलाकों में अपशिष्ट निपटान न करें कभी सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें न पेशाब करें।

 

कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष
मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर

 

हमारी वेबसाइट में आपका स्वागत हैं

https://www.kosaremaharaj.com

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