अहंकार में डूबे इंसान को , ना तो खुद की गलतियां दिखाई देती है और ना दूसरों की अच्छी बात। : Kosare Maharaj

अहंकार में डूबे इंसान को ,  ना तो खुद की गलतियां 

 दिखाई देती है और  ना दूसरों की अच्छी बात।

अहंकार में डूबे इंसान को ,  ना तो खुद की गलतियां  दिखाई देती है और  ना दूसरों की अच्छी बात। : Kosare Maharaj


                     जो व्यक्ति अहंकार मद लोभ आदि में डूबा रहता है। उसे स्वयं की गलतियां कभी भी दिखाई नहीं देती , लोग उससे कितनी ही अच्छी बातें कर ले , वह उसको व्यर्थ और बेकार की ही समझता है। ज्ञानियों को चाहिए कि ऐसे व्यक्तियों से सदैव दूरी बनाकर रखें। एक बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भी किसी व्यक्ति पर आंख मूंदकर और अटूट विश्वास नहीं करना चाहिए। सदैव सतर्क रहकर ही किसी का आकलन करना चाहिए , क्योंकि नमक और शक़्क़र का रंग एक जैसा होता है , किंतु यह बाद में पता चलता है कौन नमक और कौन शक़्क़र है। 
                     

                     हमेशा देखने में आता है कि एक सच्चा व्यक्ति हमेशा किसी भी कार्य के प्रति अधिक सफाई देता है , क्योंकि उसे आत्म – सम्मान और अपने स्वाभिमान का गर्व होता है। वही एक झूठा व्यक्ति झूठ बोल कर अपना पीछा छुड़ा लेता है। क्योंकि झूठ बोलना उसके नस – नस में बसा है और ऐसा करके वह एक क्षण में ही अपने ऊपर लगे आरोपों से मुक्ति पा लेता है। जिस समाज में सज्जन व्यक्तियों का निवास होता है , वहां बातचीत द्वारा किसी भी समस्या का समाधान किया जाता है। 


                 किंतु जहां दुर्जन और दुष्ट प्रवृत्ति के लोग रहते हैं वहां बातचीत नहीं , बल्कि लड़ाई – झगड़े से किसी भी समस्या का हल खोजा जाता है। समाज में अनेकों प्रकार के लोग होते हैं , कोई दुराचरण करने वाला , तो कोई सदाचरण करने वाला। दोनों प्रवृत्ति के लोगों को , अनेकों लोग जानते हैं। इसका कोई अर्थ नहीं कि कितने लोग जानते हैं , बल्कि समाज आपको किस वजह से जानता है – सदाचरण करने के लिए या दुराचार करने के लिए , यह ज्यादा मायने रखता है। 

                दुनिया की नजरों में अपने आपको अच्छा दिखाने के लिए जरूरत है कि आप स्वयं को अपने आप से अच्छे दिखें , अच्छे व्यवहार और अच्छे संस्कार का आचरण करें। दुनिया आपको वैसे ही जान जाएगी , यही आपकी सफलता का मुख्य मार्ग है। गलती करने की संभावना उसी से रहती है जो मेहनत करता है , जो अपने लक्ष्य के लिए बार-बार गिरता है , उठता है और फिर संघर्ष करता है। कायर व्यक्ति दूर बैठे बुराइयां खोजने में अपनी जिंदगी बिता देता है।

कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष

मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर

 

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