मैं सब जानता हूँ केवल यही एक सोच इन्सान को कुएँ का मेंढक बना देती है। : Kosare Maharaj

कोसारे महाराज कॉलेज, अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम का संचालन मानव हित कल्याण सेवा संस्था द्वारा किया जायेगा वर्तमान में प्रस्ताव प्रगति पर है।

 मैं सब जानता हूँ केवल यही एक सोच इन्सान को कुएँ का मेंढक बना देती है। 

: Kosare Maharaj

मैं सब जानता हूँ केवल यही एक सोच इन्सान को कुएँ का मेंढक बना देती है। : Kosare Maharaj


                  इन्सान दुनिया में तीन चीजों के लिए मेहनत करता है, १. मेरा नाम ऊँचा हो, 2. मेरा लिबास अच्छा हो और मकान खूबसूरत हो। लेकिन इन्सान के मरते ही भगवान् उनकी ये तीन चीजें सबसे पहले बदल देता है। नाम स्वर्गीय, लिबास कफन और मकान शमशान। बड़ी अजीब दुनिया के मेले है दिखती तो भीड़ है पर चलते सब अकेले है। इन्सान एक कारण से अकेला हो जाता है


         जब वो अपनों को छोड़ने की सलाह गैरों से लेता है। जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखना, शेर खुद की ताकत के दम पर राजा बनता है क्योंकि जंगल में चुनाव नहीं होते। उसी प्रकार समाज सेवक भी अपने बल पर पुरे पृत्वी लोग पर अपनी समाज सेवा करता हैं हम मानव हैं और मानव होने के नाते हमारा पहला धर्म मानवता का परिचय देना है। नि:स्वार्थ भाव से सामाजिक कार्यों में लगे हुए होते हैं।


           जो नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने में हमेशा आगे रहते हैं। इसके बदले उन्हें न तो किसी प्रकार के पारितोषिक की उम्मीद रहती और न ही किसी प्रकार की अन्य चाहत होती है। देर से बनो पर जरूर कुछ बनो, क्योंकि वक्त के साथ लोग खैरियत नहीं हैसीयत पूछते है। हमारा अंदाज कोई ना लगाए तो ठीक रहेगा क्योंकि अंदाज बारिश का लगाया जाता है तूफ़ान का नहीं। गलतफहमी बहुत थी की अपने बहुत है लेकिन जब पीछे मुड़कर देखा तो सिर्फ साया ही नजर आया।


           असल में वही जीवन की चाल समझता है जो सफर की धुल को गुलाल समझता है। विजेता वो नहीं बनते जो कभी असफल नहीं हुए है बल्कि वो बनते है जो कभी हार नहीं मानते। अच्छे इन्सान में एक बुरी आदत होती है की वो सबको अच्छा समझता है। जहाँ आपकी अहमियत ना हो वहां जाना बंद कर दो। चाहे वो किसी का घर हो या किसी का दिल। अहंकार के अंधे इन्सान को ना तो अपनी गलतियाँ दिखती है और ना ही दुसरे इंसानों में अच्छी बातें।


           जिंदगी एक बार मिलती है ये बात बिल्कुल गलत है सिर्फ मौत एक बार मिलती है जिंदगी तो हर रोज मिलती है। जिंदगी में दो लोगों से हमेशा दूर रहना, एक busy और दूसरा घमंडी। क्योंकि व्यस्त इन्सान अपनी मर्जी से बात करेगा और घमंडी इन्सान अपने मतलब से याद करेगा। चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है और इन्सान की कीमत खोने के बाद। खुद का मान अगर चाहो तो ओरों का भी मान रखो, कहने को अगर जीभ मिली है तो सुनने को भी कान रखो। जब गलत पासवर्ड से एक छोटा सा लॉक नहीं खुलता तो गलत कामों से जन्नत के दरवाजे कैसे खुलेंगे।
( कोसारे महाराज )

कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष

मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर

 

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