” जहां सज्जन है वहां संवाद है , जहां दुर्जन है वहां विवाद है। “ : Kosare Maharaj

कोसारे महाराज कॉलेज, अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम का संचालन मानव हित कल्याण सेवा संस्था द्वारा किया जायेगा वर्तमान में प्रस्ताव प्रगति पर है।

                                                   



” जहां सज्जन है वहां संवाद है ,  जहां दुर्जन है वहां विवाद है।  “ : Kosare Maharaj



                जिस समाज में सज्जन व्यक्तियों का निवास होता है , वहां बातचीत द्वारा किसी भी समस्या का समाधान किया जाता है। किंतु जहां दुर्जन और दुष्ट प्रवृत्ति के लोग रहते हैं वहां बातचीत नहीं , बल्कि लड़ाई – झगड़े से किसी भी समस्या का हल खोजा जाता है। जो व्यक्ति अहंकार मद लोभ आदि में डूबा रहता है। उसे स्वयं की गलतियां कभी भी दिखाई नहीं देती , लोग उससे कितनी ही अच्छी बातें कर ले , वह उसको व्यर्थ और बेकार की ही समझता है। 


             ज्ञानियों को चाहिए कि ऐसे व्यक्तियों से सदैव दूरी बनाकर रखें। समाज में अनेकों प्रकार के लोग होते हैं , कोई दुराचरण करने वाला , तो कोई सदाचरण करने वाला। दोनों प्रवृत्ति के लोगों को , अनेकों लोग जानते हैं। इसका कोई अर्थ नहीं कि कितने लोग जानते हैं , बल्कि समाज आपको किस वजह से जानता है – सदाचरण करने के लिए या दुराचार करने के लिए , यह ज्यादा मायने रखता है। एक सफल व्यक्ति ही सफल निर्णय ले सकता है और सफल और डरपोक व्यक्ति कभी भी सफल निर्णय नहीं ले सकता वह अपने निर्णय को ही बदलना सही समझता है। जो व्यक्ति अहंकार मद लोभ आदि में डूबा रहता है। 



            उसे स्वयं की गलतियां कभी भी दिखाई नहीं देती , लोग उससे कितनी ही अच्छी बातें कर ले , वह उसको व्यर्थ और बेकार की ही समझता है। ज्ञानियों को चाहिए कि ऐसे व्यक्तियों से सदैव दूरी बनाकर रखें। समाज में अनेकों प्रकार के लोग होते हैं , कोई दुराचरण करने वाला , तो कोई सदाचरण करने वाला। दोनों प्रवृत्ति के लोगों को , अनेकों लोग जानते हैं। इसका कोई अर्थ नहीं कि कितने लोग जानते हैं , बल्कि समाज आपको किस वजह से जानता है – सदाचरण करने के लिए या दुराचार करने के लिए , यह ज्यादा मायने रखता है। एक सफल व्यक्ति ही सफल निर्णय ले सकता है और सफल और डरपोक व्यक्ति कभी भी सफल निर्णय नहीं ले सकता वह अपने निर्णय को ही बदलना सही समझता है।



          जो व्यक्ति स्वयं अपने आप से लड़ता है , हालातों से लड़ता है , परिस्थितियों से लड़ता है। उस व्यक्ति को कोई भी हरा नहीं सकता , स्वयं उसके विपरीत की परिस्थितियां भी उसे नहीं हरा पाती। जो व्यक्ति स्वच्छ और निर्मल मन से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है , वह किसी के मार्ग में बाधा नहीं बनता। जो व्यक्ति अपने कलुषित मन और हृदय से किसी दूसरे व्यक्ति के सफलता अथवा मार्ग में बाधा बनते हैं वह कभी आगे नहीं बढ़ पाते। एक दूसरे की बुराई करने से किसी का कोई लाभ नहीं होता। वह ऐसा करके अपना समय व्यर्थ गवाते हैं , जबकि अपना व्यक्तित्व संवारने वाला व्यक्ति सफल होता है।

( कोसारे महाराज )

 

कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष
मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर

 

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