स्व. श्रीराम घासीराम कोसारे १०/०३/१९४० -१८/०१/२०२० आज हमारे पिता जी की द्वितीय वर्ष पुण्यस्मरण तिथि है,


 

पापा की पुण्यतिथि पर कोसारे महाराज का भावभीनी श्रद्धांजलि पर संदेश:-


सचमुच पिता उस घने पेड़ की तरह होते हैं जो शीतल छाया देते हैं। पिता अपने सुख की परवाह किए बिना अपने परिवार के लिए समर्पित होकर जिम्मेवारी निभाते हैं। लेकिन यह बात इंसान को तब समझ आती है जब उनके पिता उनसे दूर चले जाते हैं। फिर पिता के दिखाए गए रास्ते उनके बताए संस्कार और बातें सिर्फ यादें बनकर रह जाती है।




दिल की बातें अपनी अपने दिल से ही !!

कह लेता हूं मगर पापा जब आपकी याद आती है !!

तोअपनी आंखों को जी भर के रोने को कह !!

देता हूं पापा आप दूर क्यों चले गए !!




दिल की बातें अपनी अपने दिल से ही !!

कह लेता हूं मगर पापा जब आपकी याद आती है !!

तोअपनी आंखों को जी भर के रोने को कह !!

देता हूं पापा आप दूर क्यों चले गए !!




बहुत किताबें पढ़ी लेकिन पापा !!

जो आप ज़िंदगी का पाठ पढ़ा गए !!

वह किसी किताब में नहीं मिला !!




पिताजी थे जो मेरी गलतियाँ सुधार लिया !!

करते थे डांट कर तो कभी प्यार से पुकार !!

लिया करते थेअब छोड़ गए साथ हमेशा !!

हमेशा के लिएवो मेरी ख़ुशी के लिए न जाने !!

कितने ग़म उधार लिया करते थे !!




आपकी कमी को मैं हर रोज़ महसूस करता हूँ !!

ख़ुशी में भी अपनी में ग़म महसूस करता हूँ !!

आपसे मिलना अब मुमकिन नहीं पापा !!

जी इसी लिए आपको अपनी यादों में !!

महसूस करता हूँ !!

 

कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष

मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर

 

हमारी वेबसाइट में आपका स्वागत हैं

https://www.kosaremaharaj.com

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