इन्सान चाहे कोई भी हो पर सफलता उसे अपने कर्म से ही मिलता है जिसमे सबसे ज्यादा भागीदारी उसके वचन का होता है इन्सान का वचन उसका सबसे बड़ा हथियार है अतः विचार कर के बोले एवं बोलने से पहले कम से कम 10 पुनः विचार करे. क्रोध हमेशा मनुष्य को तब आता है जब वह अपने आप को कमज़ोर और हारा हुआ पाता है! ज़िन्दगी में मनुष्य के आँखे बन्द करने से कभी मुसीबत नही टला करती है, बल्कि उस मुसीबत का सामना करने से मनुष्य की आँखे खुला करती हैं!उस मनुष्य की ताकत का कोई मुकाबला नही कर सकता जिसके पास सब्र की ताकत है! बिना विश्वास के कोई काम हो ही नहीं सकता!सफलता हमेशा के लिए नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती यह तो लगे रहने की प्रवृत्ति हैं जो मायने रखती है! अगर व्यक्ति अपनी पूरी लग्न के साथ कोई भी काम करता है, तब उसे कभी हार का मुँह देखना नही पड़ता है!
( कोसारे महाराज )
0 Comments
Hello friends please spam Comments na karen, aapko Post kaisi lagi aap jarur batayenge aur post share jarur kare