इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता, बस वक्त अच्छा और बुरा होता है।

हमारी पहचान हमेशा हमारे द्वारा छोड़ी गई उपलब्धियों से होती है रिश्तों में वैसा ही संबंध होना चाहिए जैसे आंख और हाथ का होता है। हाथ को चोट लगती है तो आंखें रोती हैं और, आंसू आने पर हाथ ही उन्हें सहलाता है और साफ करता है।हमें आने वाले कल से अपने आप अच्छे होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, बल्कि आज की गयी मेहनत और तैयारी ही उसे अच्छा बना सकती है। अपनी जिंदगी को सिर्फ आप स्वयं बदल सकते हो, और ये कार्य आपके लिए कोई और नहीं कर सकता। इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता, बस वक्त अच्छा और बुरा होता है। अहंकार मनुष्य का बहुत बड़ा दुश्मन है। वह सोने के हार को भी मिट्टी का बना देता है। किसी भी मनुष्य की इच्छाशक्ति अगर उसके साथ हो तो वह कोई भी काम बड़े आसानी से कर सकता है। इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प मनुष्य को रंक से राजा बना देती है। तीन चीजें इंसान कभी नहीं खो सकता शांति, आशा, और ईमानदारी! अगर कोई व्‍यक्ति आपसे जलता है, तो ये उसकी बुरी आदत नही, बल्कि आपकी काबिलियत है, जो उसे ये काम करने पे मजबूर करती है। 
( कोसारे महाराज )

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