कमजोर कभी माफ नही कर सकता, माफ करना मजबूत व्यक्ति का गुण हैं महात्मा गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
हर वर्ष देश में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। यह बात सही है कि गांधी जी भारत की आजादी की लड़ाई में 1915 से सक्रिय हुए। और आजादी की जंग उसके कई दशकों पहले से चल रही थी। लेकिन गांधी जी की एंट्री ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में जबरदस्त जान फूंकी। बापू अपने जन्मदिन पर पूरे दिन मौन व्रत करते थे. साल 1918 में गांधीजी ने अपना जन्मदिन मनाने वालों से कहा था कि अपने जन्मदिन दो अक्टूबर को बापू करते क्या थे इस दिन वह ईश्वर से प्रार्थना करते थे, चरखा चलाते थे और ज्यादातर समय मौन रहते थे. किसी भी महत्वपूर्ण दिन को वह इसी तरह मनाते 15 जून, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया.
भारत में गांधी जयंती प्रार्थना सभाओं और राजघाट नई दिल्ली पर विशेष रूप से गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि देकर राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाई जाती है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर गांधी जयंती का आयोजन होगा. इस मौके पर सरकार और गांधीवादी संस्थाओं की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. मेरी मृत्यु के बाद मेरी कसौटी होगी कि मैं जन्मदिन मनाने लायक हूं कि नहीं. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी भूमिका ने भारतीय समाज और राष्ट्रीयता को नए सिरे से गढ़ने में मदद की। एक महान नेता के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे।
उनकी अहिंसक नीतियों और नैतिक आधारों ने और अधिक लोगों को आंदोलन से जोड़ा। उन्होंने सभी धर्मों को एकसमान मानने, सभी भाषाओं का सम्मान करने, पुरुषों और महिलाओं को बराबर का दर्जा देने और दलितों-गैर दलितों के बीच की युगों से चली आ रही खाई को पाटने पर जोर दिया। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गांधी मूल रूप से एक वकील थे। उम्र बीतने के साथ, वे एक शांत, शर्मीले बैरिस्टर से भारत की अग्रणी आवाज़ में बदल गए थे, जिसने देश को अपनी स्वतंत्रता की ओर अग्रसर किया था।
उन्होंने दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन जैसे प्रमुख विरोध आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने भारत को अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। लाखों लोगों ने विरोध करने के लिए गांधी की अहिंसा और शांति की विचारधाराओं का इस्तेमाल किया और आखिरकार, उन्होंने अपनी खोई हुई आजादी को वापस पा लिया। उनका नेतृत्व कौशल निश्चित रूप से लोगों को बेहतर और शांतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करता है। महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से 'बापू' कहा जाता है, अपने पीछे सिद्धांतों की एक श्रृंखला छोड़ गए हैं, जिन्हें आज भी अत्यंत महत्व के साथ देखा जाता है। उनके प्रेरक शब्दों और दर्शन ने लोगों को एक पल में आकर्षित किया और उन्हें मजबूत सिद्धांतों के आधार पर अपना जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। गांधी के संस्मरणों को अब तक की सबसे प्रभावशाली, उत्साहजनक और हृदयस्पर्शी यादों में से एक के रूप में सराहा गया है।
वे स्वतंत्रता के लिए देश के सपने को प्राप्त करने के लिए जमीन पर डटे रहे।महात्मा गांधी ने कभी अपनी प्रशंसा नहीं की। वह सिर्फ चाहते थे कि राष्ट्र एक साथ अपनी क्षमता का एहसास करे और अंग्रेजों को गलत साबित करे। भारत ने सदियों से जिन कठिनाइयों का सामना किया है, उनकी तुलना किसी और चीज से नहीं की जा सकती। सभी स्वतंत्रता सेनानियों और विशेष रूप से महात्मा गांधी ने भारत की धरती को मुक्त करने के लिए अपने जीवन का योगदान दिया।
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कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष
मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर
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