परिवार हो या संगठन,सभी में सफलता का कारण हैएक दूसरे के विचारों को धैर्य सेसुनना, समझना और सम्मान देना ।

परिवार हो या संगठन,सभी में सफलता का कारण है एक दूसरे के विचारों को धैर्य से सुनना, समझना और सम्मान देना । परिवार में जब एक भी सदस्य स्वार्थी बन जाता है तो उस परिवार का बिखरना तय है । बिना भाई के साथ के जब रावण हार सकता है और भाई के साथ से श्रीराम जीत सकते हैं, तो हम किस घमंड में हैं सदा साथ रहिये, कोशिश करें कि परिवार कभी न टूटे । स्त्री की तारीफ कीजिये उसमें कोई शक नहीं है क्योंकि वह खुद का घर छोड़ कर आती है पर पुरुष भी कम तारीफ-ए-काबिल नहीं है जो अंजान स्त्री को खुद का पूरा घर सौंप देता है । जो लोग कहते हैं कि औरत का कोई घर नहीं होता माफ करना औरत के बिना कोई घर घर नहीं होता । औरत को कमअक्ल का ताना देने वाले लोग उसकी ज़रा सी अदा परअपनी अक्ल खो देते हैं । परिवार से बड़ा कोई धन नहीं, पिता से बड़ा कोई सलाहकार नहीं माँ की छाँव से बड़ी कोई दुनिया नहीं, भाई से अच्छा कोई भागीदार नहीं  बहन से अच्छा कोई शुभचिंतक नहीं, इसलिए परिवार से बड़ा कोई जीवन नहीं । जिंदगी का खूबसूरत लम्हा कौन सा होता है? जब आपका परिवार आपको दोस्त समझने लगे और आपके दोस्त आपको अपना परिवार ।
( कोसारे महाराज )

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