"जो व्यक्ति अच्छा काम करना नहीं जानता है, वह दुसरो से अच्छा काम कराने का हुनर भी नहीं रख सकता है।"

दुनिया में तीन किस्म के लोग होते है-पहले वो जो बुद्धिमान बनना चाहते हैं। दूसरे , जिन्हे अपनी प्रतिष्ठा से प्यार है और तीसरे, जो जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहते हैं। किसी अच्छे कार्य को बार-बार करने से किसी का कोई नुकसान नहीं होता है। कोई भी  समाज में कोई अमीर या कोई गरीब नही होता है, वहां लोगो में सिर्फ अच्छे संस्कार देखे  जाते है। व्यक्ति दुसरो पर राज करना चाहता है वह कभी राज नहीं कर सकता। वैसे ही जैसे कोई व्यक्ति किसी को पढ़ाने का दबाव महसूस करके अच्छा शिक्षक नहीं बन सकता है। एक नायक सौ में एक पैदा होता है, एक बुद्धिमान व्यक्ति हज़ारों में एक पाया जाता है, अज्ञानता, सभी बुराइयों का मूल कारण है। लेकिन एक सम्पूर्ण व्यक्ति शायद एक लाख लोगों में भी ना मिले।कोई भी व्यक्ति किसी को आसानी से नुकसान पंहुचा सकता है, लेकिन हर व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा नहीं कर सकता है।  देश सही इंसानों के तरक्की से बनता हैं , उनका विकास मानवीय चरित्र से होता है। 
( कोसारे महाराज )

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