धोखे की जड़ केवल आँख बंद कर किसी पर पूर्ण रूप से विश्वाश करना होती हैं।
वह दोस्त भी धोखा देकर चले जाते है, जब उनके मतलब पूरे हो जाते हैं।
धोखा देकर कभी भी किसी व्यक्ति को कुछ प्राप्त नहीं होता, बस केवल उसके पापो का एक भार और उसके उप्पर चढ़ जाता है।
धोखा देकर जितनी ठेस आप दूसरो को पहुचायेंगे, उससे कई ज्यादा ठेस आपको वक्त आने पर पहुंचेगी।
धोखा केवल वही व्यक्ति देता हैं, जिसका शुरू से ही कुछ ना कुछ मकसद छुपा होता हैं।
आजकल दोस्त जरा सोच समझकर बनाईयेगा क्योंकि, धोखा देने वाले लोगो की संख्या दोस्तों में ज्यादा पायी जाती हैं।
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