लोकतंत्र सिर्फ नाम का है, हकीकत में जो अशिक्षित है और जो गरीब है उन्हें न्याय मिलने में कठिनाई होती हैं.

लोकतान्त्रिक देशों में वंचित वर्ग का सशक्तिकरण किया जाता है, जिससे देश की उन्नति हो। उदार लोकतन्त्र में लोगों का अर्थात नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का लाभ देना सरकार या राज्य का कर्तव्य है। आजकल ज्यादातर देशों में प्रतिनिधि लोकतंत्र या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का ही प्रचार है जिसमें जनभावना की अभिव्यक्ति जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है। जनता का शासन व्यवस्था और कानून निर्धारण में कोई योगदान नहीं होता तथा जनता स्वयं शासन न करते हुए निर्वाचन पद्धति के द्वारा चयनित शासन प्रणाली के अंतर्गत निवास करती है। इस प्रकार की व्यवस्था को ही आधुनिक लोकतंत्र का मूल विचार बताने वालों में मतभेद है। लोकतन्त्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अन्तर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है, तथा उसकी सत्ता बना सकती है। लोकतन्त्र दो शब्दों से मिलकर बना है ,लोक + तन्त्र लोक का अर्थ है जनता तथा तन्त्र का अर्थ है शासन   ( कोसारे महाराज )

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